Friday, 16 March 2012

14 MARCH KA GUEST KA PARDARSAN

फरीदाबाद, संवाद सहयोगी : सेक्टर-12 लघुसचिवालय पर जिले के अतिथि (अनुबंध) अध्यापकों ने नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और जिला उपायुक्त की अनुपस्थित में एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। इस अवसर पर काफी संख्या में अध्यापक मौजूद थे। प्रदेश में करीब 15 हजार अतिथि अध्यापक कार्यरत हैं। उन्हें लगे लगभग छह साल से भी अधिक समय हो चुका है। इस बीच अध्यापकों ने सरकार से नियमित करने की मांग को लेकर रैली व आंदोलन किए हैं। अतिथि अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष इनामी सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले हरियाणा-पंजाब उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को अतिथि अध्यापकों का 31 मार्च के बाद अनुबंध नहीं बढ़ाने के आदेश दिए हैं। इसके बाद से संघ ने आंदोलन व प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि बुधवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर अध्यापकों ने नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा के नाम ज्ञापन दिया है। फरीदाबाद में लघु सचिवालय पर काफी संख्या में अध्यापकों ने पहुंचकर प्रदर्शन किया। इसके बाद जिला उपायुक्त डा. राकेश गुप्ता के नहीं होने पर फरीदाबाद के एसडीएम यशपाल यादव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर सरकार ने अतिथि अध्यापकों की मांग नहीं मानी तो 23 मार्च को रोहतक में विशाल रैली में प्रदेश के सभी अध्यापक भाग लेंगे और आगे की रणनीति बनाई जाएगी। ज्ञापन देने वालों में नरेंद्र कुमार, विनोद, जवाहर लाल, उमेश, ऋषिपाल, स्वराज, नीलम, नीरजा, हरी सिंह, ललित शामिल थे।


जींद, जागरण संवाद केंद्र : अतिथि अध्यापक संघ ने नियमित करने की मांग को लेकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। लघु सचिवालय के सामने हुए प्रदर्शन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष रणधीर मोर ने की। प्रदर्शन के माध्यम से अतिथि अध्यापकों ने कहा कि यदि सरकार ने उन्हें यदि सरकार ने समय रहते नियमित नहीं किया गया तो वह एक बार फिर से संघर्ष का बिगुल बजाएंगे।
जिलाध्यक्ष रणधीर मोर ने कहा कि सरकार ने पिछले छह वर्षो से कार्य कर रहे अतिथि अध्यापकों को एक पालिसी बनाकर जल्द से जल्द नियमित करे ताकि अतिथि अध्यापक मानसिक संतुष्टि से छात्रों को पढ़ा सके और अपने परिवार का लालन-पालन कर सकें। हरियाणा की तर्ज पर कई राज्यों की सरकारों ने अतिथि अध्यापक लगाए थे, वह सभी नियमित किए जा चुके हैं। अतिथि अध्यापकों को लगाने की पालिसी सरकार ने बनाई थी। अब इन्हें नियमित करने की पालिसी भी सरकार जल्द से जल्द बनाएं। पिछले दिनों रोहतक में अतिथि अध्यापिका शहीद हो गई थी। यदि सरकार नियमित करने का फैसला जल्दी नहीं करती तो वह बहन राजरानी की शहादत को यूं ही नहीं जाने देंगे। 23 मार्च को रोहतक में अतिथि अध्यापक संघ रोजगार बचाओ महा रैली का आयोजन कर रहा है। इसमें आगामी रणनीति की घोषणा की जाएगी। इस अवसर पर सतपाल सिंह, मनोज कुमार, भूपेंद्र, तरसेम, सुखपाल, वजीर सिंह, सुरेंद्र, सुनीता रानी, कृष्णा शर्मा, बिमला देवी, मंजू बाला आदि मौजूद थे।

झज्जर, जागरण संवाद केंद्र : जिले के सभी अतिथि अध्यापकों ने बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के सामने बैठक की। उसमें उन्हें नियमित करने की मांग की गई। उसकी अध्यक्षता संघ के उपाध्यक्ष रणबीर सुहाग ने की और उनके नेतृत्व में अतिथि अध्यक्षता ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि ठोस नीति बनाकर सभी अतिथि अध्यापकों को नियमित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अतिथि अध्यापकों के रोजगार के साथ खिलवाड़ करने की गई तो अतिथि अध्यापक किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। रणबीर सुहाग ने 23 मार्च को रोहतक के राजीव गांधी स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स के सामने संघ अध्यक्ष के अरुण मलिक नेतृत्व में होने वाली रोजगार बचाओ रैली में परिवार सहित सभी अतिथि अध्यापकों से भाग लेने की अपील की। इस अवसर पर मुकेश पूनिया, रमेश कादियान, पवन पूनिया, कमलेश देवी, पवन जाखड़, मनोज, मंदीप, ताजवीर, राकेश जाखड़, दिनेश, प्रवेश, राजेंद्र, सुमित, राजपाल, मंजीत, ओमप्रकाश, सुरेंद्र, मदनलाल, प्रतिभा, सुमन, रानी, मनीषा, इंदुबाला आदि मौजूद थी।

 पंचकूला, जासं: हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ द्वारा बुधवार को धरने का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान रामभगत शास्त्री ने की। इस धरने के पश्चात अतिथि अध्यापकों ने जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिला प्रधान ने बताया कि इन अध्यापको को एक पॉलसी के तहत दिसंबर 2005 में भर्ती किया गया था और बाद में इन्हे अनुबंध पर कर दिया था। अब इन अध्यापकों का अनुबंध तीन वर्ष का हो चुका है। उन्होंने अपील की कि इन अध्यापकों को विशेष पॉलसी के तहत नियमित करे, ताकि इनका व इनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके। इस धरने में पंचकूला जिले से लगभग 300 अतिथि अध्यापकों ने भाग लिया। बैठक में ब्लॉक प्रधान गुलाब सिंह, रोहित सिंगला, अमित सिंगला, राजेंद्र शास्त्री, जगदीप, नीलम, रामकुमार, मनोज कुमारी मौजूद रहे।











निर्णय पर पुनर्विचार हो:EDITORIAL OF DAINIK JAGRAN DATED 16.03.12

शिक्षा विभाग के कार्यकलापों में जब-तब अजीब विरोधाभास दिखाई देने लगता है। एक तरफ तो राज्य के वार्षिक बजट में सर्वाधिक 8800 करोड़ की धनराशि शिक्षा क्षेत्र को दी गई, दूसरी तरफ सर्वशिक्षा अभियान के तहत छात्राओं को साइकिल देने की योजना महज इसलिए बंद की जा रही है कि इस पर खर्च होने वाले धन से अब कंप्यूटर खरीदे जाएंगे। मानो कंप्यूटर खरीदने के लिए शिक्षा विभाग के पास पैसे ही नहीं। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि एक योजना को शुरू करने के लिए दूसरी को बंद कर दिया जाए। तुगलकी अंदाज में जारी ऐसे आदेश शिक्षा ढांचे को कितनी क्षति पहुंचा सकते हैं, क्या विभाग के अधिकारियों को अनुमान है? वे सरकार की योजना को पलीता ही लगा रहे हैं। राज्य सरकार शिक्षा दर व शैक्षणिक स्तर में वृद्धि के लिए कितनी गंभीर है, यह वार्षिक बजट में शिक्षा क्षेत्र को सबसे अधिक धन आवंटित किए जाने से स्पष्ट हो गया। कन्या शिक्षा को प्रोत्साहन के लिए लगभग आधा दर्जन योजनाएं चालू हैं। दो किलोमीटर से अधिक दूरी से सरकारी स्कूल में आने वाली छात्राओं को मुफ्त साइकिल देने की योजना इसमें से एक है। इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहा था। बिना किसी पूर्व सूचना के एकाएक योजना को बंद करने का फरमान क्या विभाग की किसी खास रणनीति सोच का हिस्सा है? कन्या शिक्षा प्रोत्साहन की अन्य योजनाओं पर इससे कितना
प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा? निजी स्कूलों से प्रतिस्पद्र्धा के लिए कौन सी नई योजना शुरू होगी? बजट में धनराशि बढ़ने के बावजूद योजनाओं की संख्या घटाना किस दृष्टिकोण का परिचायक है? क्या सरकार व विभाग की प्राथमिकताएं किसी और दिशा में मुड़ गई? फंड का सदुपयोग कैसे सुनिश्चित हो? 2011-12 को राज्य सरकार ने शिक्षा वर्ष घोषित किया था। इस वर्ष में स्कूल ड्रॉप आउट रोकने व कन्या शिक्षा को प्रोत्साहन पर विशेष बल देने की बात कही गई थी। वित्त वर्ष समाप्त हो रहा है, शिक्षा का भी नया सत्र आरंभ होने जा रहा है। क्या शिक्षा विभाग साइकिल योजना बंद करने के लिए वर्ष व सत्र बीतने का इंतजार ही कर रहा था? एक बात स्पष्ट तौर पर उभर कर आ रही है कि न तो शिक्षा विभाग की योजनाओं में कोई समन्वय है न संसाधनों का सही प्रयोग हो पा रहा। साइकिल योजना बंद करने के फैसले पर विभाग को पुन: विचार करना चाहिए। यू-टर्न सरकार की नीति निर्धारण में अक्षमता का ही सूचक माना जाएगा।

15000 GUEST TEACHERS KA KYA HOGA?

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार की अध्यापकों की नियमित भर्ती के लिए 1 अप्रैल के बाद छह माह का और समय दिए जाने की मांग संबंधी अर्जी खारिज कर दी है। इससे प्रदेशभर में कार्यरत लगभग 15 हजार गेस्ट टीचरों की 31 मार्च तक छुट्टी होना तय माना जा रहा है। बृहस्पतिवार को आए कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार की मुश्किल बढ़ गई है। फैसले के अनुसार राज्य में 31 मार्च के बाद कोई गेस्ट टीचर काम नहीं कर पाएगा और 15 दिन में नियमित भर्ती कर पाना सरकार के लिए संभव नहीं है। इस मामले में स्कूली शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने हाई कोर्ट में एक अर्जी दायर कर

HSSC CORRIGENDUM FOR Manual Assistant AND Technical Officer (Storage)

C O R R I G E N D U M
Reference Haryana Staff Selection Commission’s Advertisement No. 1/2011, category No. 11, dated 18.03.2011 which was published in various leading newspapers on 19.3.2011 and corrigendum dated 13.12.2011.
In the said advertisement against category No. 11, the posts of Manual Assistant Legal Metrology for Food & Supplies Department Haryana have been increased from 7 to 10. Now the revised break-up of the increased posts may be read as under:-
(GEN=3,SC=1, BCA=1, BCB=1, ESM GEN=1, ESMSC=1, ESM BCB=1, OSP SC=1)
E.Q.: i) Matric or its equivalent.
ii) Preferably having working experience of weight and measures.

HSSC Shortlisting Notice for the Post of J.E(Mechanical),J.E(CIVIL),ACCOUNTS CLERK,LABOUR INSPECTOR

HARYANA STAFF SELECTION COMMISSION
BAYS NO. 67-70, SEC-2, PANCHKULA-134151




NOTICE TO THE SHORT LISTED CANDIDATES FOR INTERVIEW FOR THE POSTS OF JUNIOR ENGINEER (MECHANICAL) FOR IRRIGATION DEPARTMENT HARYANA AGAINST ADVT. NO. 2/2010, CAT. NO. 26.
Reference Commission’s Advt. No. 2/2010 Category No. 26 dated 14.08.2010 read with Corrigendum dated 18.10.2011, which published in the various newspapers for recruitment to the 50 posts of Junior Engineer (Mechanical) for Irrigation Department Haryana.
Keeping in view the large number of applications and as per condition of advertisement, the