Tuesday, 23 August 2011

GOVT.NEEDS TIME TO SUBMIT ANSWER ABOUT RESERVATION OF CHILDREN OF HIGH COURT EMPLOYEES

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के कर्मचारियों के बच्चों को हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के समान आरक्षण दिए जाने की मांग संबंधी याचिका पर जवाब देने के लिए सरकार ने समय की मांग की है। हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया है कि हाईकोर्ट कर्मचारियों के बच्चों को हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के समान आरक्षण दिए जाने संबंधी मामले को विचार के लिए मुख्य सचिव के पास भेज दिया गया है। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में इंटीग्रेटिड बीए-एलएलबी (ऑनर्स) कोर्स में प्रवेश की प्राथी छात्रा कंचन सिंधू ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने उसे बीए-एलएलबी कोर्स में हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए आरक्षित सीटों पर दाखिला नहीं दिया है जबकि उसके पिता राजिंदर सिंधू पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कार्यरत हैं। कंचन के वकील एनसी किनरा ने अदालत को बताया था कि याचिकाकर्ता की दावेदारी पर सिर्फ इसलिए विचार नहीं किया गया क्योंकि यूनिवर्सिटी हाईकोर्ट कर्मचारियों के बच्चों को हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को मिलने वाले आरक्षण का लाभ नहीं देती। उल्लेखनीय है कि जस्टिस राजीव भल्ला ने इस मामले को पंजाब और हरियाणा दोनों को शामिल करते हुए हाईकोर्ट कर्मचारियों के बच्चों के लिए आरक्षण की हिमायत करते हुए कहा था कि चूंकि हाईकोर्ट दोनों राज्यों के लिए है। इसलिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों को भी उसी प्रकार आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए जिस प्रकार इन दोनों राज्यों के कर्मचारियों के बच्चों को मिलता है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के लिए फिलहाल यूनिवर्सिटी में एक सीट रिक्त रखे जाने का आदेश जारी किए हैं।

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