सरकार आइआइटी की फीस चार गुनी करने जा रही है। इसे मौजूदा 50 हजार रुपये सालाना से बढ़ाकर दो लाख करने का फैसला किया गया है। हालांकि छात्रों को बढ़ी हुई डेढ़ लाख रुपये की फीस का भुगतान नौकरी पाने के बाद किस्तों में करने की छूट होगी। साथ ही राज्यों की सहमति लेकर आइआइटी, एनआइटी समेत देश के सभी सरकारी और गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए 2013 से राष्ट्रीय स्तर पर एक ही प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव है। आइआइटी की काउंसिल की बुधवार को यहां हुई बैठक के बाद
मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने बताया कि आइआइटी छात्रों के डीमैट सर्टिफिकेट में दर्ज होगा कि उसके ऊपर फीस बकाया है। बढ़ी फीस दलित, पिछड़े और क्रीमीलेयर के नीचे के छात्रों पर नहीं लागू होगी। जबकि जो छात्र ग्रेजुएट बनने के बाद पीएचडी, एम. फिल, एम. टेक या फिर इस तरह के दूसरे पाठ्यक्रम में पढ़ाई जारी रखेंगे, उनसे भी बढ़ी फीस नहीं वसूली जाएगी। सिब्बल ने कहा कि 2013 से सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक ही प्रवेश परीक्षा होगी। मंशा, गांवों और गरीबों के बच्चों को भी आइआइटी सिस्टम में आसानी से दाखिला दिलाने की है। अभी यह धनी लोगों के लिए ही है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई में दाखिले के लिए छात्रों पर परीक्षाओं व कोचिंग सेंटर का बोझ कम करना जरूरी है
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