Saturday, 10 September 2011

Without Guidelines How to do CCE in Haryana Govt. Schools

शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद छात्रों को आठवीं कक्षा तक परीक्षा से मुक्ति मिल गई। अब सिर्फ शिक्षक की मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर उसको ग्रेड दिया जाएगा। लेकिन स्कूलों का सत्र लगभग आधा बीत चुका है, अभी तक प्राथमिक व माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों के शैक्षणिक मूल्यांकन पर स्थिति अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। यहां तक कि शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को अभी तक अपनी तरफ से किसी प्रकार की गाइडलाइन भी नहीं भेजी है। ऐसे में बिन गाइड लाइन कैसा होगा
मूल्यांकन, अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद पहली से 2आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को परीक्षाओं से छुटकारा मिल गया, लेकिन इसके बाद क्या किया जाए इसकी अभी तक कोई रूपरेखा स्पष्ट नहीं है। इसको लेकर विद्यार्थी से शिक्षक तथा आला अधिकारी भी असमंजस में हैं। पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को सतत व्यापक मूल्यांकन के आधार पर ग्रेड दिया जाना था, लेकिन अभी तक शिक्षकों को यह जानकारी नहीं है कि लिखित या मौखिक में से किस तरह की परीक्षा के आधार पर ग्रेड दिए जाएं। वैसे सर्वशिक्षा अभियान के एक अधिकारी का कहना है कि हरेक महीने सभी बच्चों के मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करना है। उनका कहना है कि इसके लिए सभी शिक्षकों को जानकारी भेजी जा चुकी है, लेकिन रिपोर्ट किस प्रकार तैयार करनी है, इसकी अभी तक किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। बड़ा सवाल यह है कि छह माह में बच्चों का किस प्रकार से मूल्यांकन किया जाए। क्योंकि किसी भी राजकीय स्कूलों में सतत व्यापक मूल्यांकन के विषय में कोई जानकारी नहीं दी गई थी, अब तो एक ही बात हो सकती है कि शिक्षक खानापूर्ति के लिए मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर दे।

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