Monday, 24 October 2011

अन्ना हजारे पर 'भारत-पाक' भिड़े

भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता की अलख जगाने वाले गांधीवादी अन्ना हजारे की ओर से पाकिस्तान को लेकर की गई हालिया टिप्पणियों से इन दिनों एक तरह से भारत-पाकिस्तान में बहस छिड़ गई है।

हाल ही में हजारे ने अपने ब्लॉग पर लिखा था कि उन्होंने एक सैनिक के रूप में भारत-पाकिस्तान सीमा पर लड़ाई लड़ी थी और आगे भी पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भाग लेने के लिए तैयार हैं।

हजारे ने कहा था कि आज भी मेरे ललाट पर आप चोट का निशान देख सकते हैं। यह पाकिस्तान की गोली का निशान है। यह मेरा मानना है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा। अगर जरूरत पड़ी तो मैं पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में फिर से भाग लेने को तैयार हूं।

पाकिस्तान के समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की वेबसाइट पर एक पाकिस्तानी ब्लॉगर उमर तारिक ने हजारे की टिप्पणियों को देखा और फिर उन्होंने ऑनलाइन बहस छेड़ दी।

तारिक ने कहा कि ज्यादा दिन नहीं बीते हैं, जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने एक नए सितारे के उदय का गवाह बनी। यह व्यक्ति खुद को गांधी के सिद्धातों का अनुयायी बताता है। हमने उम्मीद की थी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन पाकिस्तान में भी दस्तक दे।

तारिक ने कहा कि अन्ना हजारे का ब्लॉग पढ़ने के बाद अचानक मेरी सारी उम्मीदें खत्म हो गईं। हजारे की टिप्पणियों से पाकिस्तानी आहत हुए हैं। मुझे समझ नहीं आता कि हजारे को लोग दूसरा गांधी क्यों कहते हैं, जब वे युद्ध की बात करते हैं।

उन्होंने कहा कि मैं नहीं मानता कि उनकी इन टिप्पणियों के बाद हजारे का पाकिस्तान में स्वागत होगा। एक अन्य पाकिस्तानी पाठक ने लिखा कि अन्ना हजारे का आंदोलन हमें जगाने वाला था। भारत और यहां भी लोग मानने लगे थे कि हजारे सीधे जन्नत से उतरकर आए हैं। अब लोगों का खयाल बदलेगा।

भारत के एक पाठक ने कहा कि हम अन्ना को कहीं और नहीं जाने देंगे। आपके देश (पाकिस्तान) को कम ही बोलना चाहिए। वैसे क्या आप मानते हैं कि आपकी समस्याएं हल हो सकती हैं? फिलहाल ऐसा नहीं होने वाला है।

एक अन्य भारतीय ने कहा कि आप (पाकिस्तानी) अपनी जगह बिलकुल सही हैं। आप देशभक्त हैं। परंतु आप जानते हैं कि आपके देश में सभी लोग, खासकर नेता इतने अच्छे नहीं हैं। क्या जरूरत पड़ने पर आप पाकिस्तान के लिए नहीं लड़ेंगे? आप अन्ना का स्वागत नहीं करेंगे, इसके लिए धन्यवाद। वैसे पाकिस्तान का दौरा भला कौन करना चाहेगा?

No comments:

Post a Comment