
शाहरुख खान और दीपावली के बीच बड़ा अच्छा संयोग है। शाहरुख की जो भी फिल्म दीपावली वाले सप्ताह या उसके आसपास प्रदर्शित हुई है, उसे नाकामयाबी का मुँह कभी देखना नहीं पड़ा।
किंग खान ने बॉलीवुड में अपनी पहली बड़ी सफलता दीपावली पर ही पाई थी। 12 नवंबर 1993 को प्रदर्शित फिल्म ‘बाजीगर’ के जरिए शाहरुख ने अपने प्रशंसकों के दिल में जगह बना ली। इस फिल्म ने उनका मजबूत आधार बनाया। इस फिल्म के पहले ‘दीवाना’ छोड़कर उनकी ‘दिल आशना है’, ‘चमत्कार’, ‘किंग अंकल’ और ‘माया मेमसाब’ जैसी फिल्में फ्लॉप हो चुकी थीं।
20 अक्टूबर 1995 को ‘दिलवाले दुल्हनियाँ ले जाएँगे’ प्रदर्शित हुई। यह फिल्म अभी तक मुंबई के एक सिनेमाघर में चल रही है। शाहरुख-काजोल अभिनीत इस फिल्म ने आय के सारे रेकॉर्ड तोड़ डाले। राज मल्होत्रा के किरदार के रूप में शाहरुख इतने पसंद किए गए कि कई फिल्मों में वे इसी किरदार को दोहराते रहें।
यशराज फिल्म्स ने शाहरुख के साथ दीपावली को अपने लिए भी भाग्यशाली मान लिया। 30 अक्टूबर 1997 को प्रदर्शित ‘दिल तो पागल है’ में शाहरुख, माधुरी दीक्षित और करिश्मा कपूर ने प्रमुख भूमिकाएँ निभाई थीं। इस फिल्म का संगीत आज भी सुना जाता है। यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने कई लोगों के दिलों को पागल बना दिया था।
1998 में प्रदर्शित ‘कुछ कुछ होता है’ ने भी शाहरुख, दीपावली और सफलता के संयोग को आगे बढ़ाया। 2000 में प्रदर्शित ‘मोहब्बतें’ भी सफल रही। 12 नवंबर 2004 को शाहरुख खान की ‘वीर जारा’ ने भी बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की।
20 अक्टूबर 2006 को रिलीज हुई ‘डॉन’ भी को भी दिवाली का साथ मिला, लेकिन यह फिल्म वैसी सफलता हासिल नहीं कर पाई जैसी कि शाहरुख की पिछली फिल्मों ने हासिल की थी। फिर भी यह मुनाफे का सौदा साबित हुई।
दिवाली पर लक्ष्मी की मेहरबानी को देख शाहरुख ने अपने होम प्रोडक्शन की फिल्म ‘ओम शांति ओम’ भी 9 नवंबर 2007 को रिलीज की और भरपूर पैसा कमाया। बात जब शाहरुख के करियर और बॉलीवुड की सबसे महंगी फिल्म ‘रा.वन’ की आई तो फिर शाहरुख ने दिवाली को ही चुना। उम्मीद की जानी चाहिए कि रा.वन सौ प्रतिशत सफलता के रिकॉर्ड को बरकरार रखेगी।
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