Sunday, 9 October 2011

PARENT ADVOCATE WILL KEEP EYE ON STUDIES OF CHILDREN

आपके बच्चे का भविष्य बनाने के लिए गुरुजी उसे क्या और कैसे पढ़ा रहे हैं? यह सब सिर्फ उनकी मर्जी पर ही नहीं होगा। बच्चों के माता-पिता भी उसमें दखल दे सकेंगे। देखेंगे कि पढ़ाई के कायदे-कानून क्या हैं? खास तौर पर वे यह जांचेंगे कि पूरे साल बच्चों का समग्र मूल्यांकन कैसे हो रहा है। इस काम के लिए खुद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ही वालंटियर के रूप में पैरेंट एडवोकेट नाम से एक राष्ट्रीय नेटवर्क खड़ा कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक सीबीएसई की पहल पर पैरेंट एडवोकेट ही देश भर में योग्य अभिभावकों का एक ऐसा समूह तैयार करेगा, जो अपने-अपने राज्य में बच्चों के सतत-समग्र मूल्यांकन की निगरानी करेगा। उन्हें इस निगरानी की ट्रेनिंग सीबीएसई देगा। इस समूह को खड़ा करने के लिए सीबीएसई ने बच्चों की पढ़ाई में योगदान देने वाले अभिभावकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में
स्वयंसेवक की भूमिका वाले इन अभिभावकों में उन्हें तरजीह दी जाएगी, जिन्हें अंग्रेजों व हिंदी भाषा का न सिर्फ अच्छा ज्ञान हो, बल्कि उनमें दूसरों को समझने-समझाने की बेहतरीन कूवत भी हो। सीबीएसई ने आवदेकों के लिए एक प्रारूप भी जारी किया है। इसमें उन्हें सूचना संचार तकनीक, विचारों के आदान-प्रदान में भाषा पर पकड़, चुनौतियों से जूझने का जज्बा और वे किन क्षेत्रों में इस पर काम करना चाहेंगे, की जानकारी देनी होगी।

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