Wednesday, 5 October 2011

URDU DIPLOMA AND DEGREE WILL BE VALID FOR JOB IN GOVT. SECTOR

सरकार को फिर उर्दू की याद आ रही है। वह उसे और तवज्जो देगी। जिससे राष्ट्रीय उर्दू भाषा संव‌र्द्धन परिषद (एनसीपीयूएल) के डिप्लोमा व सर्टिफिकेट को कानूनी दर्जा मिल सके। सरकार अपने इस इरादे को मंजिल तक पहंुचा सकी तो उर्दू भाषा के जरिये पढ़ाई करके डिप्लोमा व सर्टिफिकेट हासिल करने वालों के लिए भी नौकरी की राह आसान हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक इन कोशिशों पर अमल 12वीं योजना (2012-2017) में किए जाने की तैयारी है। सोमवार को यहां मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की मौजूदगी में एनसीपीयूएल की बैठक में उर्दू को रोजगार से जोड़ने पर खास तौर से चर्चा हुई। सिब्बल ने कहा कि उर्दू को रोजगार से जोड़ने में एनसीपीयूएल बड़ी भूमिका निभा सकता है। अभी उर्दू भाषा की पढ़ाई के जरिए हासिल होने वाले डिप्लोमा व सर्टिफिकेट को कानूनी मान्यता
नहीं है। लिहाजा सरकार इसको कानूनी मान्यता देगी, जिससे उर्दू पढ़ने वालों को रोजगार के संकट का सामना न करना पड़े। एनसीपीयूएल के निदेशक हमीदुल्ला भट ने कहा कि परिषद अभी डिप्लोमा समेत पांच पाठ्यक्रम संचालित करता है। भविष्य में और भी पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि परिषद ने एनसीपीयूएल से पढ़ाई करने वाले 50 हजार लोगों को आइटी क्षेत्र में नौकरियों में मदद दिलाने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है।

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