Sunday, 6 November 2011

ससराहना के हकदार:EDITORIAL OF DAINIK JAGRAN DATED 7NOVEMBER 2011

हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा में बैठने वाले लाखों परीक्षार्थियों का परिणाम क्या आएगा यह तो अभी भविष्य के गर्त में है, लेकिन भिवानी शिक्षा बोर्ड जरूर उत्तीर्ण हो गया है। दो दिनों के इस आयोजन में जो छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं, उनकी अनदेखी करने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए। और ऐसा कर देने के बाद बोर्ड की पीठ थपथपाई जा सकती है। अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन सरकार के लिए आसान नहीं रहा। माननीय उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद कई बार इसकी तिथि बदलनी पड़ी। आखिरी वक्त में अनुसूचित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए छूट का मामला उठने लगा। अदालत का आदेश हुआ तो सरकार ने बगैर वक्त गंवाए पांच अंक छूट का प्रावधान कर जो समझदारी दिखाई वह काबिले तारीफ है।
अंतिम तिथि तय होने के बाद भी राह आसान नहीं थी। सबसे बड़ी समस्या थी लाखों अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाना। इसके लिए रोडवेज बसों का पूरा अमला झोंक दिया गया। पुलिस-प्रशासन ने जिस तरह से जिम्मेदारी निभाई उससे काम आसान हो गया। कुछ जगहों पर अनुचित साधनों का इस्तेमाल जरूर हुआ लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने कहीं भी स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं होने दी। परीक्षा केंद्रों पर सबकुछ सुव्यवस्थित ढंग से चला। हालांकि कुछेक केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र बांटने की जो घटनाएं हुईं, उन्हें भी रोका जा सकता था। फिर भी परीक्षा से पूर्व जिस तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं और शिक्षा बोर्ड के साथ-साथ आमजन में भी जिस तरह चिंता थी, उसे देखते हुए इन गड़बडि़यों की अनदेखी की जा सकती है। निश्चित रूप से इसके लिए सरकार के सभी विभाग सराहना के हकदार हैं। परीक्षार्थियों को केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था आसान नहीं थी, लेकिन सरकार ने रोडवेज की बसों का बंदोबस्त कर काफी हद तक यह चिंता दूर कर दी थी। हर डिपो से 50 से 60 बसें भेजने की व्यवस्था की गई। फरीदाबाद में दूर-दराज से आए अभ्यार्थियों को रास्ता बताने के लिए राजकीय रेलवे पुलिस ने एक महिला कांस्टेबल को रेलवे परिसर के बाहर तैनात किया था। यह भावना दूसरे विभागों ने भी दिखाई। सबसे अच्छी बात यह रही है कि जन सामान्य ने भी एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दिया और सरकार के इस आयोजन में यथा संभव योगदान किया। उम्मीद की जानी चाहिए कि दूसरे अवसरों पर भी जिम्मेदारी का यही भाव दिखे।

No comments:

Post a Comment