Friday 16 March 2012

15000 GUEST TEACHERS KA KYA HOGA?

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार की अध्यापकों की नियमित भर्ती के लिए 1 अप्रैल के बाद छह माह का और समय दिए जाने की मांग संबंधी अर्जी खारिज कर दी है। इससे प्रदेशभर में कार्यरत लगभग 15 हजार गेस्ट टीचरों की 31 मार्च तक छुट्टी होना तय माना जा रहा है। बृहस्पतिवार को आए कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार की मुश्किल बढ़ गई है। फैसले के अनुसार राज्य में 31 मार्च के बाद कोई गेस्ट टीचर काम नहीं कर पाएगा और 15 दिन में नियमित भर्ती कर पाना सरकार के लिए संभव नहीं है। इस मामले में स्कूली शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने हाई कोर्ट में एक अर्जी दायर कर
नियमित अध्यापक भर्ती के लिए 30 सितंबर तक का समय देने की मांग की थी। कोर्ट ने सरकार की इस अर्जी को खारिज करते हुए सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार की मांग आधारहीन है। सरकार
को हाई कोर्ट के 30 मार्च 2011 के आदेश के अनुसार भर्ती करनी होगी। मार्च 2011 में सीडब्ल्यू पी नंबर 6090/10 की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2011 तक नियमित भर्ती करने के संबंध में विस्तृत शेड्यूल सहित हलफनामा दायर किया था। इसे स्वीकारते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने तय समय सीमा में नियमित भर्ती करने का आदेश देते हुए अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल अंतिम बार 31 मार्च 2012 तक ही बढ़ाने की अनुमति प्रदान की थी। अदालत ने स्पष्ट किया था कि राज्य में 31 मार्च 2012 के बाद गेस्ट टीचरों की सेवाओं को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। पिछले साल सरकार ने यह अंडरटेकिंग दी थी : हाई कोर्ट में अंबाला निवासी तिलकराज द्वारा दायर अतिथि अध्यापकों के कार्यकाल को 31 मार्च 2012 से आगे न बढ़ाने व नियमित भर्ती करने की मांग संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में शपथपत्र दिया था कि राज्य में 31 दिसंबर 2011 तक नियमित भर्ती कर दी जाएगी। इसके आधार पर ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल 31 मार्च 2012 तक बढ़ाने की अनुमति दी थी। साथ ही कहा था कि सरकार शपथपत्र में दिए गए भर्ती शेड्यूल से जरा भी देरी करेगी तो इसे हाई कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। नियमित भर्ती का शेड्यूल अगले सप्ताह देगी सरकार : बृहस्पतिवार को एक अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल हवा सिंह हुडा ने चीफ जस्टिस की खंडपीठ को बताया कि सरकार नियमित भर्ती की प्रकिया की जानकारी देने के लिए हलफनामा तैयार कर रही है। खंडपीठ ने सरकार को इसके लिए अगले बृहस्पतिवार तक समय दिया है। सरकार के पास विकल्प : हाईकोर्ट के इस आदेश पर अगर सरकार अमल करती है तो 31 मार्च के बाद राज्य के 15000 से अधिक गेस्ट टीचर को हटाना पड़ेगा, लेकिन 31 मार्च तक नियमित भर्ती भी संभव नही है। इस सूरत में सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर छूट की मांग कर सकती है।

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