Friday 16 March 2012

निर्णय पर पुनर्विचार हो:EDITORIAL OF DAINIK JAGRAN DATED 16.03.12

शिक्षा विभाग के कार्यकलापों में जब-तब अजीब विरोधाभास दिखाई देने लगता है। एक तरफ तो राज्य के वार्षिक बजट में सर्वाधिक 8800 करोड़ की धनराशि शिक्षा क्षेत्र को दी गई, दूसरी तरफ सर्वशिक्षा अभियान के तहत छात्राओं को साइकिल देने की योजना महज इसलिए बंद की जा रही है कि इस पर खर्च होने वाले धन से अब कंप्यूटर खरीदे जाएंगे। मानो कंप्यूटर खरीदने के लिए शिक्षा विभाग के पास पैसे ही नहीं। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि एक योजना को शुरू करने के लिए दूसरी को बंद कर दिया जाए। तुगलकी अंदाज में जारी ऐसे आदेश शिक्षा ढांचे को कितनी क्षति पहुंचा सकते हैं, क्या विभाग के अधिकारियों को अनुमान है? वे सरकार की योजना को पलीता ही लगा रहे हैं। राज्य सरकार शिक्षा दर व शैक्षणिक स्तर में वृद्धि के लिए कितनी गंभीर है, यह वार्षिक बजट में शिक्षा क्षेत्र को सबसे अधिक धन आवंटित किए जाने से स्पष्ट हो गया। कन्या शिक्षा को प्रोत्साहन के लिए लगभग आधा दर्जन योजनाएं चालू हैं। दो किलोमीटर से अधिक दूरी से सरकारी स्कूल में आने वाली छात्राओं को मुफ्त साइकिल देने की योजना इसमें से एक है। इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहा था। बिना किसी पूर्व सूचना के एकाएक योजना को बंद करने का फरमान क्या विभाग की किसी खास रणनीति सोच का हिस्सा है? कन्या शिक्षा प्रोत्साहन की अन्य योजनाओं पर इससे कितना
प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा? निजी स्कूलों से प्रतिस्पद्र्धा के लिए कौन सी नई योजना शुरू होगी? बजट में धनराशि बढ़ने के बावजूद योजनाओं की संख्या घटाना किस दृष्टिकोण का परिचायक है? क्या सरकार व विभाग की प्राथमिकताएं किसी और दिशा में मुड़ गई? फंड का सदुपयोग कैसे सुनिश्चित हो? 2011-12 को राज्य सरकार ने शिक्षा वर्ष घोषित किया था। इस वर्ष में स्कूल ड्रॉप आउट रोकने व कन्या शिक्षा को प्रोत्साहन पर विशेष बल देने की बात कही गई थी। वित्त वर्ष समाप्त हो रहा है, शिक्षा का भी नया सत्र आरंभ होने जा रहा है। क्या शिक्षा विभाग साइकिल योजना बंद करने के लिए वर्ष व सत्र बीतने का इंतजार ही कर रहा था? एक बात स्पष्ट तौर पर उभर कर आ रही है कि न तो शिक्षा विभाग की योजनाओं में कोई समन्वय है न संसाधनों का सही प्रयोग हो पा रहा। साइकिल योजना बंद करने के फैसले पर विभाग को पुन: विचार करना चाहिए। यू-टर्न सरकार की नीति निर्धारण में अक्षमता का ही सूचक माना जाएगा।

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