Tuesday, 13 March 2012

मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण लेने पर ही मिलेगी सरकारी नौकरी

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षित नहीं होने वाले व्यक्ति को सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य घोषित किया है। यह आदेश न्यायाधीश मुनीश्वरनाथ भंडारी ने शिवराज सिंह, असगर अली व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए।प्रार्थियों की ओर से अदालत में कहा गया कि उन्होंने उदयपुर स्थित डीम्ड यूनिवर्सिटी जनार्दन रॉय नागर यूनिवर्सिटी से संबद्ध इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी से मेडिकल रेडियोग्राफर डिप्लोमा कोर्स किया हुआ है। इसी आधार पर उन्हें सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियम के तहत अर्जेंट टैम्परेरी बेसिस पर रेडियोग्राफर पद पर नियुक्ति दी गई।बाद में विभाग ने उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी।उन्हें कहा गया कि उन्होंने रेडियोग्राफर का डिप्लोमा कोर्स राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान से नहीं किया हुआ है। प्रार्थियों का कहना था कि नौकरी की शर्तो में कहीं भी यह नहीं लिखा हुआ है कि डिप्लोमा सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान से लिया होना चाहिए।चिकित्सा विभाग की ओर से सरकारी वकील यशपाल खिलेरी ने कहा कि प्रार्थियों के पास नियमानुसार मान्यता प्राप्त संस्थान से डिप्लोमा कोर्स उत्तीर्ण होने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। उन्हें विस्तृत जांच करने व सुनवाई का मौका दिए जाने के बाद ही योग्यता के अभाव में हटाया गया। उन्होंने कहा कि विवि अनुदान आयोग के अधिनियमों व प्रावधानों के अनुसार डिग्री व डिप्लोमा केवल विवि द्वारा ही प्रदान किए जा सकते हैं। प्रार्थियों को प्रमाण-पत्र आदि संस्थान की ओर से ही जारी कर दिए गए हैं, जो सही नहीं हैं।

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