हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ जिला इकाई ने नियमित करने की मांग को लेकर बुधवार को जिला सचिवालय में प्रदर्शन किया और अपनी मांगों का ज्ञापन उपायुक्त को सौपा। धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान सुभाष राविश ने की। उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि 2005 में शिक्षा में पिछड़े ग्रामीणों की दशा सुधारने के लिए सरकार ने 22 हजार अतिथि अध्यापकों को नियुक्ति किया था जो उस समय की योग्यता पूरी करते थे। उन्होने कहा कि अतिथि अध्यापकों ने पिछले छह वर्षो में सरकारी स्कूलों में पूरी लगन व मेहनत के साथ काम
किया जिससे विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम तो अच्छा रहा ही साथ ही विद्यार्थियों की संख्या में भी इजाफा हुआ लेकिन अब प्रदेश सरकार बिना किसी वजह के ही अतिथि अध्यापकों को हटाने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि अतिथि अध्यापकों ने विपरीत परिस्थितियों में भी काम किया तथा शिक्षा को नए आयाम तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि 23 मार्च को रोहतक में राज्य प्रधान अरुण मलिक के नेतृत्व में होने वाली रैली में अपने रोजगार को बचाने के लिए अतिथि अध्यापक अपने परिवार सहित वहां पहुंचेंगे। जिला महासचिव सतवीर सौंगल ने कहा कि अतिथि अध्यापक संघ अपनी जान दे सकता है लेकिन अपने रोजगार को नहीं जाने देगा। कैथल ब्लॉक प्रधान रामचंद्र तंवर व पुंडरी ब्लॉक प्रधान सुखविंद्र बरसाना ने कहा कि अतिथि अध्यापकों ने चार वर्षो तक कई कई महीने बिना वेतन के काम किया था उस समय ये पात्र अध्यापक कहां चले गए थे। महिला विंग की जिला प्रधान विद्या देवी ने कहा कि बहन राजरानी की कुरबानी को व्यर्थ नही जाने दिया जाएगा। कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने अतिथि अध्यापकोंकी सेवाओं पर प्रहार किया तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस अवसर पर नरेंद्र, राजीव सैनी, रमेश भाणा, महेंद्र, सुनील बुरा, शमशेर नैन, विजेंद्र अत्री, वेदपाल, राकेश, संदीप शर्मा, आशा रानी, हरजीत कौर, सोनिया, रति, अंजू, मीनू, गीता व संतोष सहित सैकड़ों अतिथि अध्यापक उपस्थित थे।
अतिथि अध्यापकों ने लगाया जाम
कैथल : अतिथि अध्यापकों ने जिला सचिवालय में प्रदर्शन किया। बाद में उपायुक्त करनाल होते हुए उपायुक्त निवास पहुंचे। यहां पर अध्यापकों ने बीच सड़क बैठकर करनाल रोड पर आधा घंटे तक जाम लगाया। बाद में उपायुक्त ए मोना श्रीनिवास मौके पर पहुंची और अतिथि अध्यापकों का ज्ञापन लेते हुए उन्हें समझा बुझाकर शांत किया। जाम में महिला अध्यापकों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया।
किया जिससे विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम तो अच्छा रहा ही साथ ही विद्यार्थियों की संख्या में भी इजाफा हुआ लेकिन अब प्रदेश सरकार बिना किसी वजह के ही अतिथि अध्यापकों को हटाने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि अतिथि अध्यापकों ने विपरीत परिस्थितियों में भी काम किया तथा शिक्षा को नए आयाम तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि 23 मार्च को रोहतक में राज्य प्रधान अरुण मलिक के नेतृत्व में होने वाली रैली में अपने रोजगार को बचाने के लिए अतिथि अध्यापक अपने परिवार सहित वहां पहुंचेंगे। जिला महासचिव सतवीर सौंगल ने कहा कि अतिथि अध्यापक संघ अपनी जान दे सकता है लेकिन अपने रोजगार को नहीं जाने देगा। कैथल ब्लॉक प्रधान रामचंद्र तंवर व पुंडरी ब्लॉक प्रधान सुखविंद्र बरसाना ने कहा कि अतिथि अध्यापकों ने चार वर्षो तक कई कई महीने बिना वेतन के काम किया था उस समय ये पात्र अध्यापक कहां चले गए थे। महिला विंग की जिला प्रधान विद्या देवी ने कहा कि बहन राजरानी की कुरबानी को व्यर्थ नही जाने दिया जाएगा। कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने अतिथि अध्यापकोंकी सेवाओं पर प्रहार किया तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस अवसर पर नरेंद्र, राजीव सैनी, रमेश भाणा, महेंद्र, सुनील बुरा, शमशेर नैन, विजेंद्र अत्री, वेदपाल, राकेश, संदीप शर्मा, आशा रानी, हरजीत कौर, सोनिया, रति, अंजू, मीनू, गीता व संतोष सहित सैकड़ों अतिथि अध्यापक उपस्थित थे।
अतिथि अध्यापकों ने लगाया जाम
कैथल : अतिथि अध्यापकों ने जिला सचिवालय में प्रदर्शन किया। बाद में उपायुक्त करनाल होते हुए उपायुक्त निवास पहुंचे। यहां पर अध्यापकों ने बीच सड़क बैठकर करनाल रोड पर आधा घंटे तक जाम लगाया। बाद में उपायुक्त ए मोना श्रीनिवास मौके पर पहुंची और अतिथि अध्यापकों का ज्ञापन लेते हुए उन्हें समझा बुझाकर शांत किया। जाम में महिला अध्यापकों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया।
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