Wednesday 14 March 2012

MDU STUDY CENTRE RAHENGE YA NAHI?

सर! पिछले साल डिस्टेंस स्टडी सेंटर में एडमिशन लिया था। अब पता चला है कि सेंटर बंद रहे हैं। क्या मामला है सर जी? परीक्षा होगी भी या नहीं, बताइए। ऐसे कई सवाल मदवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में अधिकारियों को फोन पर सुनने को मिल रहे हैं। प्रदेश के बाहर मदवि के दूरस्थ शिक्षा केंद्रों में नए प्रवेश पर रोक लगने के बाद विद्यार्थियों की कुछ ऐसी ही स्थिति हो गई है। उनकी दिल की धड़कनें तेज हो गई हैं। उन्हें चिंता है कि कहीं वे परीक्षा न दे पाएं। अपने इन सवालों के जवाब लेने के लिए विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में फोन घुमा रहे हैं। अभ्यर्थियों की परेशानी उस समय कम होती है जब उन्हें पता चलता है कि वर्तमान सत्र से पहले प्रवेश पा चुके विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित की जाएगी। वहीं कुछ विद्यार्थी अपने जानकारों व परिचितों के माध्यम से

जानकारी जुटाने में लगे हैं। हालांकि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. एमडीयूडीडीई.एनईटी पर यह जानकारी डाउन लोड की गई है कि जो विद्यार्थी एनरोल (प्रवेश) हो चुके हैं उनकी कोर्स पूरा कराया जाएगा। विवि प्रदेश के अंदर ही विभिन्न सेंटरों पर परीक्षा आयोजित करेगा। गौरतलब है कि पिछले महीने यूजीसी व प्रदेश सरकार की ओर से सभी विश्र्वविद्यालयों को सख्त निर्देश जारी हुए थे कि प्रदेश से बाहर चल रहे सभी अध्ययन केंद्रों को बंद कर दें। इसके बाद मदवि ने प्रदेश के बाहर स्थापित करीब 7500 दूरस्थ शिक्षा केंद्रों में नए प्रवेश पर रोक लगा दी है। इन अध्ययन केंद्रों के जरिए लगभग सवा लाख अभ्यर्थी प्रवेश लिए हुए हैं। मदवि ने पिछले साल शुरू किए ग्लोबल सेंटरों पर भी बैन लगा दिया है। विदाई समारोह में सरोज बाला सम्मानित पानीपत, जासंकें्र : जीटी रोड स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल में बुधवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। शिक्षकों ने विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य व जिला शिक्षा अधिकारी (मौलिक) सरोज बाला गुर को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। यह जानकारी विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य रमेश सहरावत ने दी। उन्होंने बताया कि सम्मान समारोह की शुरुआत वेदमंत्रों के उच्चारण से हुई। विद्यालय के एसएमसी प्रधान व शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी (मौलिक) सरोज बाला गुर को स्मृति चिह्न भेंट किया। दैनिक जागरण से बातचीत में सरोज बाला गुर ने बताया कि राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल में वे पांच वर्षो तक प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत रहीं। प्रदेश में सबसे पहले म्यूजियम का निर्माण उनके कार्यकाल में ही हुआ। शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस म्यूजियम का उद्घाटन किया था। स्कूल में सहूलियत से बच्चों को नामांकन दिलाने की व्यवस्था उन्होंने शुरू की। विद्यालय में विज्ञान विषय की फैकल्टी के लिए निदेशालय प्रस्ताव भेजा। प्रथम प्राइमरी स्कूल भी उनके कार्यकाल में ही शुरू हुआ।

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